
पोस्ट ऑफिस RD स्कीम 2025 में ₹84,000 मासिक जमा पर लगभग ₹4,99,564 की मिलान राशि मिल सकती है, जो निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है। इस योजना में नियमित मासिक जमा के साथ निश्चित और गारंटीड ब्याज दर पाई जाती है, जो लगभग 6.7% से 7.5% सालाना तक होती है, और ब्याज चतुर्समाही कंपाउंड किया जाता है।
पोस्ट ऑफिस RD स्कीम क्या है?
पोस्ट ऑफिस RD (Recurring Deposit) एक बचत योजना है जिसमें निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि जमा करते हैं और निश्चित अवधि के बाद उस जमा राशि पर ब्याज के साथ एकमुश्त राशि प्राप्त करते हैं। यह योजना पाँच वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध होती है, जिसमें न्यूनतम मासिक जमा ₹10 से शुरू होती है और कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इसमें जमा राशि पर हर साल लगभग 6.7% से 7.5% तक ब्याज मिलता है, जो चतुर्समाही कंपाउंड होता है।
₹84,000 जमा पर ₹4,99,564 का कैलकुलेशन कैसे होता है?
यदि कोई व्यक्ति हर महीने ₹1,400 जमा करता है (₹84,000 सालाना), तो पाँच वर्षों की अवधि में इस योजना के तहत जमा राशि और ब्याज मिलाकर लगभग ₹4,99,564 की रकम बन सकती है। इसका प्रमुख कारण चतुर्समाही कंपाउंडिंग है जो ब्याज को जमा राशि के साथ जोड़ कर नई ब्याज की गणना करता है, जिससे कुल राशि बढ़ जाती है।
इस योजना के फायदे
- निवेशकों को निश्चित और गारंटीड रिटर्न मिलता है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रहता है।
- निवेश की न्यूनतम राशि कम होने से हर आम आदमी आसानी से इसमें हिस्सा ले सकता है।
- जमा राशि पर ब्याज चतुर्समाही आधार पर कंपाउंड होता है जिससे अधिक कमाई होती है।
- मृत्यु स्थिति में नामित व्यक्ति को फंड तुरंत मिल जाता है।
- निवेशक 1 वर्ष बाद अपने RD खाते से 50% तक लोन भी ले सकते हैं।
कैसे खोलें पोस्ट ऑफिस RD खाता?
- निकटतम डाकघर से आवेदन फॉर्म लेकर आवश्यक दस्तावेज के साथ जमा करें।
- न्यूनतम मासिक जमा राशि का चयन करें।
- खाता खोलने के बाद हर महीने निर्धारित तिथि तक जमा करते रहें।
- 5 वर्ष की अवधि पूरा होने पर आप अपने निवेश के साथ ब्याज की पूरी राशि प्राप्त कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस RD योजना लंबी अवधि के लिए सुरक्षित बचत करने का सबसे आसान और भरोसेमंद विकल्प है जिससे निवेशक नियमित बचत के साथ अच्छा ब्याज भी प्राप्त कर सकते हैं। ₹84,000 की मासिक जमा से पाँच वर्षों में लगभग ₹4.99 लाख का लाभ इस योजना की लोकप्रियता को दर्शाता है। यह योजना वित्तीय सुरक्षा और बचत की आदत दोनों को बढ़ावा देती है।