
अगर आप हर महीने सिर्फ ₹2,000 का निवेश करते हैं तो SBI के म्युचुअल फंड में होने वाला आपका निवेश समय के साथ कई गुना बढ़ सकता है। छह महीनों से लेकर 12 साल या उससे अधिक अवधि तक नियमित निवेश से आपकी पूंजी में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है।
SIP क्या है और कैसे काम करता है?
Systematic Investment Plan (SIP) एक ऐसी योजना है जिसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। SBI म्युचुअल फंड में SIP के जरिए आप नियमित रूप से निवेश कर पाते हैं जो लंबी अवधि में बड़े फंड में बदल जाता है। SIP की यह खासियत है कि आपकी राशि बाजार की उतार-चढ़ाव के हिसाब से इकाइयों के रूप में खरीदी जाती है, जिससे आप ज्यादा इकाइयाँ तब खरीदते हैं जब कीमतें कम होती हैं और कम इकाइयाँ तब, जब कीमतें ज्यादा होती हैं। इसे रूपया औसत लागत विधि (Rupee Cost Averaging) कहते हैं, जो निवेश के जोखिम को कम करता है और लंबे समय में बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करता है।
आपकी ₹2,000 की मासिक निवेश राशि कैसे बढ़ेगी?
मान लीजिए आप SBI म्युचुअल फंड में हर महीने ₹2,000 निवेश कर रहे हैं और आपकी अनुमानित वार्षिक औसत रिटर्न दर लगभग 12% है। इसका मतलब है कि आपकी राशि सालाना 12% बढ़ेगी, जो कि म्युचुअल फंड के दीर्घकालिक औसत रिटर्न के लगभग समान है। 12 वर्षों के निवेश के बाद, आपका कुल निवेश (₹2,000 × 12 महीने × 12 साल = ₹2,88,000) बढ़कर लगभग ₹7,64,727 तक पहुँच सकता है। यह वृद्धि कंपाउंडिंग की ताकत का नतीजा है, जहाँ आपकी निवेश राशि के ऊपर जो रिटर्न मिलता है, वह भी आगे चलकर आय उत्पन्न करता रहता है।
कंपाउंडिंग का जादू
कंपाउंडिंग का अर्थ है ‘बिना रुके ब्याज़ पर ब्याज़’ बढ़ना। इसमें आपका पैसा समय के साथ न केवल आपके निवेश के हिसाब से बढ़ता है, बल्कि पहले से मिले रिटर्न पर भी आपको और रिटर्न प्राप्त होता है। इसी वजह से छोटी-छोटी मासिक बचत लंबी अवधि में बड़ी सम्पत्ति में बदल जाती है। यदि आप 12 साल तक इस निवेश को लगातार करते हैं तो आपका कुल फंड कितनी बड़ी राशि में बदल सकता है, यह इस कंपाउंडिंग के कारण होता है।
SBI म्युचुअल फंड के फायदे
- विश्वसनीयता: SBI की हैण्डलिंग आपके निवेश को सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है।
- लिखित नियम: निवेश अवधि, राशि और रिटर्न के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध होती है।
- लचीलापन: आप कभी भी SIP रोक सकते हैं या बदल सकते हैं, जिससे आपकी वित्तीय जरूरतों के अनुसार योजना अनुकूलित होती है।
- डाइवर्सिफिकेशन: SBI के म्युचुअल फंड विभिन्न सेक्टर और कंपनियों में निवेश करते हैं, जिससे जोखिम कम होता है।
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