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सरकार बदलने वाली है ये कानून, ऐसी संपत्तियों को सीधे अपने कब्जे में लेगी सरकार

सरकार की इस नई स्कीम ने देशभर में हलचल मचा दी है! अब आम लोगों को मिल सकता है इतना बड़ा फायदा जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी, जानिए पूरा सच और नियम, वरना मौका हाथ से निकल जाएगा।

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सरकार बदलने वाली है ये कानून, ऐसी संपत्तियों को सीधे अपने कब्जे में लेगी सरकार
सरकार बदलने वाली है ये कानून, ऐसी संपत्तियों को सीधे अपने कब्जे में लेगी सरकार

भारत सरकार जल्द ही एक बड़ा कानूनी कदम उठाने जा रही है। केंद्र की योजना है कि पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले व्यक्तियों और कंपनियों की संपत्तियों पर अब सिर्फ नियंत्रण ही नहीं, बल्कि सीधा मालिकाना हक भी सरकार के पास होगा। इसके लिए 1968 के “शत्रु संपत्ति अधिनियम” में संशोधन की तैयारी की जा रही है।

सरकार की नई रणनीति

अब तक इन संपत्तियों का प्रबंधन ‘कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी’ नामक प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। न तो इनके वारिस दावा कर सकते थे और न इन्हें बेचा जा सकता था। लेकिन नए संशोधन के बाद यह नियम बदल जाएगा। सरकार को सीधे अधिकार मिल जाएंगे कि वह इन्हें सार्वजनिक कामों में इस्तेमाल कर सके। यह कदम खासकर सुप्रीम कोर्ट से जुड़े एक हालिया फैसले के बाद और आवश्यक समझा जा रहा है।

संपत्तियों का उपयोग और महत्व

सरकार चाहती है कि ये संपत्तियां अब सार्वजनिक उपयोग में लाई जाएं। जैसे, इन्हें सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, या अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रस्तावित बदलाव के तहत ‘कस्टोडियन’ को यह संपत्ति बिना किसी आपत्ति के सरकार को हस्तांतरित करनी होगी। नई धारा 5 के अंतर्गत यह प्रावधान शामिल करने पर चर्चा चल रही है।

कितनी और किसकी संपत्तियां हैं?

भारत-पाक युद्ध (1965, 1971) और भारत-चीन युद्ध (1962) के बाद, जिन लोगों ने पाकिस्तान या चीन की नागरिकता ले ली थी, उनकी संपत्तियां भारत में शत्रु संपत्ति के रूप में चिन्हित की गईं।

  • पाकिस्तान से जुड़ी करीब 9,280 संपत्तियां
  • चीन से जुड़ी लगभग 126 संपत्तियां

इसके अलावा, हजारों करोड़ की कीमत के शेयर भी शत्रु संपत्ति की श्रेणी में हैं।

अब तक की बिक्री और कमाई

पिछले छह वर्षों में सरकार ₹3,494.93 करोड़ की शत्रु संपत्ति बेच चुकी है। 2018 में ही 65 लाख से अधिक शेयर चिन्हित किए गए थे, जिनकी बिक्री का निर्णय लिया गया था। 2020 में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बना, जो लगभग 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की 9,400 संपत्तियों की बिक्री और प्रबंधन पर नजर रखता है।

आगे की संभावना

सूत्र बताते हैं कि जल्द ही कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और इसके बाद बजट सत्र में संसद में बिल पेश किया जा सकता है। इससे यह साफ है कि आने वाले समय में सरकार इन संपत्तियों को सीधे सार्वजनिक हित में उपयोग करने लगेगी, जिससे न सिर्फ राजस्व बढ़ेगा बल्कि लोगों को भी नई सुविधाएं मिल सकेंगी।

Author
Vishal Kumar

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